
Uttarakhand Cabinet news: उत्तराखंड सरकार ने 2025 के लिए अपनी नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। बतादें की सीएम धामी कैबिनेट की बैठक में पारित इस नीति के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब धार्मिक स्थानों के आसपास शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा, जिससे धार्मिक स्थलों के वातावरण की सुरक्षा की जा सके। इसके अलावा, शराब की दुकानों पर MRP से अधिक कीमत वसूलने पर लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान भी जोड़ा गया है।
र्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी इकाइयों को आगामी 15 सालों तक शुक्ल में छूट मिलेगी
बतादें की नई नीति के अनुसार, राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी इकाइयों को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी। इसका उद्देश्य स्थानीय कृषकों और बागवानी क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके साथ ही, उत्तराखंड में मदिरा के थोक विक्रेताओं के लाइसेंस केवल स्थानीय निवासियों को जारी किए जाएंगे।
साल 2025-26 में सरकार 5060 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा है
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को निर्धारित किया है, जो पिछले साल के 4038.69 करोड़ रुपये से अधिक होगा। राज्य में शराब के कारोबार से जुड़े नियमों को कड़ा करने के साथ-साथ, मदिरा उद्योग में निवेश को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
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Uttarakhand Cabinet news: नई नीति में यह भी कहा गया है कि विभागीय स्टोर्स पर एमआरपी के नियम लागू होंगे, जिससे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर शराब मिल सकेगी।
सरकार का बड़ा फैसला: वाइनरी इकाइयों को टैक्स में राहत
भारत सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आगामी 15 वर्षों तक शुल्क में छूट देने की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय किसानों और उद्योगों को सशक्त बनाना है, जिससे अंगूर उत्पादन और वाइन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के इस फैसले से नए निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
पर्यटन और कृषि को बढ़ावा: वाइन उद्योग को सरकार का समर्थन
वाइनरी इकाइयों को कर छूट, उत्पादन में वृद्धि, और रोजगार के नए अवसर मिलने से स्थानीय युवाओं को भी लाभ होगा। नीति के तहत, वाइनरी स्थापित करने वाले उद्यमियों को सरकारी सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। इससे भारत के पर्वतीय क्षेत्र वैश्विक वाइन बाजार में अपनी मजबूत पहचान बना सकेंगे।
सरकार की यह पहल स्थानीय कृषि, पर्यटन, और उद्योग विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगी।