
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक अहम बैठक के दौरान राज्य की वित्तीय स्थिरता और विकास को लेकर दीर्घकालिक योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को आगामी 10 वर्षों की वित्तीय योजना बनाने को कहा, जो आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन के साथ विकास को सुनिश्चित करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आय बढ़ाने के लिए पर्यटन, तीर्थाटन, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, उद्योग, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और सामाजिक कल्याण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाए। उन्होंने सरकारी खर्चों पर नियंत्रण, डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने और नीतियों में डेटा एनालिटिक्स तथा रिसर्च आधारित निर्णयों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित विकसित भारत 2047 के संकल्प की पूर्ति के लिए उत्तराखंड को भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाना जरूरी है। राज्य में 2047 तक की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए विस्तृत रोडमैप तैयार किया जाए।”
मुख्यमंत्री ने राजस्व प्राप्ति के सभी स्रोतों को मजबूत करने की बात करते हुए कर राजस्व, गैर-कर राजस्व, औद्योगिक निवेश, डिजिटल टैक्स कलेक्शन और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने और कर चोरी रोकने के लिए सघन छापेमारी और जांच अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 के लिए बजट के अनुसार अब तक 85% राजस्व की प्राप्ति हो चुकी है जबकि 90.50% राजस्व व्यय हो चुका है। राज्य में जीएसटी, वैट, एक्साइज, ट्रांसपोर्ट, स्टैंप और खनन कर जैसे स्रोतों से कुल कर राजस्व प्राप्त किया जा रहा है, जिसमें जीएसटी और वैट की हिस्सेदारी 62% है।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि राज्य में अब तक 848 आईटीसी फ्रॉड मामलों और 165 फर्जी फर्मों की पहचान की जा चुकी है। विशेष अभियान के तहत 51 फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन को निरस्त किया गया है।
इस अहम बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पांडे, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन और राज्य कर आयुक्त डॉ. अहमद इकबाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।