
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन से शारदा कॉरिडोर परियोजना को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना कार्यों में तेजी लाते हुए प्राथमिकता के आधार पर भूमि का संयुक्त सर्वेक्षण (ज्वाइंट सर्वे) शीघ्र पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि शारदा कॉरिडोर क्षेत्र में भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों की वैज्ञानिक स्टडी कर सुरक्षात्मक उपाय तत्काल किए जाएं, ताकि भविष्य में परियोजना पर किसी भी प्रकार का खतरा उत्पन्न न हो।
धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से, इस परियोजना के तहत शारदा नदी के किनारे रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा, जिसमें घाटों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा तथा श्रद्धालुओं और पर्यटकों को ठहरने, विश्राम, जलपान और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शारदा और गंगा कॉरिडोर दोनों ही परियोजनाएं धार्मिक पर्यटन को सशक्त करने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव देने के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन दोनों कॉरिडोर परियोजनाओं पर अलग-अलग डिजाइन और दृष्टिकोण से कार्य किया जाएगा, ताकि दोनों की क्षेत्रीय और सांस्कृतिक विशेषताओं को यथावत रखते हुए विकास हो सके।
शारदा कॉरिडोर के अंतर्गत बुनियादी ढांचे का विकास, पर्यटक सुविधाएं, और स्थानीय लोगों की आर्थिकी को सशक्त बनाने से जुड़ी कई योजनाएं लागू की जाएंगी।
बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।