
नाकारा कर्मचारी को उत्तराखंड सरकार जबरन रिटायर करेगी
उत्तराखंड सरकार कार्यसंस्कृति में सुधार के लिए सख्त कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि काम में लापरवाही बरतने वाले, जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन न करने वाले कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) की प्रक्रिया को नियमानुसार तेज़ी से अंजाम दिया जाए।
🔷 मुख्यमंत्री के निर्देशों की मुख्य बातें
1. कामचोर कर्मचारियों पर सख्ती
- जो कर्मचारी अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
- कार्य संस्कृति को सशक्त और जवाबदेह बनाने की दिशा में ये बड़ा कदम माना जा रहा है।
2. भूमि कब्जाने वालों पर कार्रवाई
- सरकारी या व्यक्तिगत भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
3. वांछित अपराधियों पर कार्रवाई
- पुलिस को राज्यभर में अभियान चलाकर वांछित अपराधियों को गिरफ्तार करने का आदेश।
4. स्वरोजगार और कौशल विकास पर जोर
- स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कारपेंटर, बार्बर जैसे क्षेत्रों में स्वरोजगार से जोड़ने के निर्देश।
5. मिलावटखोरों और बिजली चोरों के खिलाफ अभियान
- त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों में मिलावट और बिजली चोरी के मामलों पर सख्त कार्रवाई।
6. नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान
- NDPS एक्ट के तहत अपराधियों की सूची तैयार कर नियमित कार्रवाई के निर्देश।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन चेकिंग, रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने और यातायात प्रबंधन में सुधार के लिए विशेष निर्देश डीजीपी को।